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Vehicle Insurance: कामकाज के चलते आज देश के प्रत्येक परिवार में दो पहिया या चार पहिया वाहन मौजूद है. मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार, सड़क पर चलने वाले प्रत्येक वाहन का बीमा होना आवश्यक है. ऐसा ना होने पर जुर्माना लगाया जा सकता है. इसके अलावा किसी दुर्घटना की स्थिति में भी बीमा के जरिए वाहन को हुए नुकसान की भरपाई की जा सकती है. सामान्य तौर पर वाहन मालिक वाहन बीमा खरीदते समय नियम और शर्तों को ध्यान से नहीं पढ़ते हैं. इस कारण जरूरत के समय उनका क्लेम रिजेक्ट हो जाता है. आज हम आपको 5 ऐसी बातों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका वाहन बीमा खरीदते समय ध्यान रखना जरूरी है. इससे आपका वाहन बीमा क्लेम रिजेक्ट नहीं होगा.

एड-ऑन कवर्स

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 एड-ऑन कवर्स

वाहन बीमा पॉलिसी में खास प्रकार के नुकसान को कवर नहीं किया जाता है. इसके लिए पॉलिसी में अलग से एड-ऑन कवर्स शामिल किए जाते हैं. अक्सर पॉलिसी खरीदते समय वाहन मालिक इन पर ध्यान नहीं देते हैं. इससे दुर्घटना के समय क्लेम रिजेक्ट हो जाता है. उदाहरण के लिए- बेसिक वाहन बीमा पॉलिसी में इंजन को हुए नुकसान और डेप्रिसिएशन लॉसेस (वाहन की कीमत में कमी) कवर नहीं होते हैं. इसके लिए अलग से इंजन प्रोटेक्टर और जीरो डेप्रिसिएशन एड-ऑन कवर लेने की आवश्यकता होती है.

कार को रिपेयरिंग के लिए भेजना

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कार को रिपेयरिंग के लिए भेजना

किसी भी प्रकार की दुर्घटना के बाद इंश्योरेंस कंपनी को सूचना दिए बगैर वाहन को रिपेयरिंग के भेजना सामान्य गलती है. जानकारों के अनुसार, अधिकांश वाहन मालिक ऐसी गलती करते हैं. इससे बीमा कंपनियों के लिए दुर्घटना और रिपेयरिंग को ट्रैक करना कठिन होता है. जिससे नुकसान के आंकलन और क्लेम को मंजूर करने में दिक्कत होती है. जानकारों का कहना है कि हादसे के तुरंत बाद बीमा कंपनी को सूचना दें. इससे ना केवल नुकसान का सही आकलन हो सकेगा बल्कि बीमा कंपनी वाहन को गैराज तक पहुंचाने में भी मदद करेगी.

वाहन में बदलाव

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वाहन में बदलाव

अक्सर वाहन मालिक बीमा कंपनी को सूचना दिए बगैर अपने वाहन में बदलाव करा लेते हैं. इसमें वाहन में सीएनजी किट लगवाना, एसेसरीज लगवाना और अन्य बदलाव शामिल हैं. यदि आप भी कोई बदलाव कराते हैं तो इसकी सूचना बीमा कंपनी को अवश्य दें. यदि नहीं करने पर बीमा कंपनी दुर्घटना के समय आपके क्लेम को रिजेक्ट कर सकती है.

वाहन कंपनी को जल्द से जल्द दुर्घटना की सूचना दें

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वाहन कंपनी को जल्द से जल्द दुर्घटना की सूचना दें

दुर्घटना होने की स्थिति में वाहन मालिक को जल्द से जल्द बीमा कंपनी को सूचना देनी चाहिए. यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो क्लेम रिजेक्ट हो सकता है. सामान्य तौर पर दुर्घटना के 24 से 48 घंटे के भीतर वाहन कंपनी को सूचना दे देनी चाहिए.

वाहन का कमर्शियल इस्तेमाल

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वाहन का कमर्शियल इस्तेमाल

वाहन बीमा से जुड़े नियम-शर्तों के अनुसार, वाहन का इस्तेमाल उसी काम के लिए किया जाए जिसके लिए उसे खरीदा गया है. यदि आप निजी इस्तेमाल के लिए कार खरीदते हैं और उसका कमर्शियल इस्तेमाल करते हैं तो दुर्घटना की स्थिति में क्लेम रिजेक्ट हो सकता है.

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