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लाइव हिन्दुस्तान,ग्रेटर नोएडा | Published By: Drigraj

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ऑटो एक्सपो में कई नामी कंपनियों ने अपने टायर पेश किए हैं। जेके कंपनी की बात करें तो उसने ऐसा टायर तैयार किया है, जिसमें पंक्चर नहीं होगा। कंपनी के सीनियर मैनेजर नीरज रामचंद्रन ने बताया कि टायर में सीटेंट का प्रयोग किया गया है। दरअसल, टायर में कोई कील घुस जाती है तो उसे निकालने पर हवा कम हो जाती है, लेकिन इस टायर में ऐसा नहीं होगा। कील निकालने पर सीटेंट की वजह से खुद फिलिंग कर लेगा।

सबसे बड़ा टायर 3300 किलोग्राम का टायर

जेके कंपनी के पास सबसे छोटा टायर दो किलोग्राम का है जिसकी कीमत करीब 800 रुपए है। इसे ऑटो रिक्शा आदि में इस्तेमाल किया जाता है। वहीं सबसे बड़ा टायर 3300 किलोग्राम का है जिसकी कीमत करीब 15 लाख रुपये है। पिरेली कंपनी का दावा है कि उनके पास अधिकतर टायर रेसिंग कार के हैं जिनकी कीमत 3 से साढ़े लाख रुपये तक है।

इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए अलग से टायर 

इलेक्ट्रिक कार को लेकर धूम मची है। इसके चलते टायर कंपनियों ने भी तैयारी शुरू कर दी है। जेके ने इलेक्ट्रिक कारों के टायर बनाने शुरू कर दिए हैं। कंपनी का दावा है कि इलेक्ट्रिक कारों के लिए टायर थोड़ा अलग होगा। यह साइज और वजन के हिसाब से थोड़ा हल्का होगा।

कार में लगा सिस्टम बताएगा टायर में हवा कम तो नहीं

जेके टायर ने ट्रेल टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम तैयार किया है। इसकी मदद से कार चालक को पता चल सकेगा कि टायर में हवा का कितना प्रेशर है। टायर गर्म तो नहीं हो रहा है।

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