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जम्मू-कश्मीर में 25 हजार से ज्यादा ऐसे वाहन दौड़ रहे हैं, जिनके नंबर बाहरी राज्यों के हैं। प्रदेश में बिना पंजीकरण के इनका कामर्शियल व निजी उपयोग किया जा रहा है। जम्मू के मुकाबले कश्मीर संभाग में ऐसे वाहनों की संख्या अधिक है। प्रदेश सरकार ने ऐसे वाहन मालिकों को अपने वाहनों का पंजीकरण अपने गृह जिले में आरटीओ व एआरटीओ कार्यालय में करवाने का आदेश जारी किया है।

प्रदेश में केवल उन्हीं वाहनों का दोबारा पंजीकरण होगा, जिनका पंजीकरण बाहरी राज्यों में हुुआ है और लंबे समय से प्रदेश में चल रहे हैं। हालांकि इसमें सरकारी और निजी क्षेत्र के काम करने वाले लोगों के वाहनों को छूट होगी। परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि ये संख्या 20 से 25 हजार तक हो सकती है। कश्मीर संभाग में ऐसे वाहनों की संख्या ज्यादा है, ऐसे में उनका गैरकानूनी कामों में उपयोग भी ज्यादा हो रहा है।

सर्दी के मौसम में कश्मीर से हजारों लोग दिल्ली, पंजाब सहित अन्य राज्यों में काम करने जाते हैं। वहां लोग इन गाड़ियों को सस्ती कीमतों पर खरीदते हैं, क्योंकि इनमें ज्यादातर ऐसे वाहन हैं जिनका परिचालन उन राज्यों में प्रतिबंध है। लोग इन वाहनों को बिना आरसी ट्रांसफर के इनका निजी व कामर्शियल उपयोग करते हैं। कश्मीर संभाग में पहले ही 250 ऐसे वाहनों को पकड़ा गया था।

परिवहन और पुलिस विभाग चलाएगा ड्राइव
प्रदेश में कामर्शियल या नॉन कामर्शियल रूप में उपयोग हो रहेे बाहरी राज्यों के नंबर के वाहनों के खिलाफ पुलिस और परिवहन विभाग विशेष अभियान चलाएंगे। ऐसे वाहनों की जांच कर उन्हें वाहन पंजीकरण के लिए आरटीओ व एआरटीओ भेजा जाएगा, ताकि ऐसे वाहनों की वास्तविक संख्या हासिल हो सके।

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