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भारत में इलेक्ट्रिक वाहन मालिकों के पास खुश होने का एक और कारण है क्योंकि सरकार ने उन लोगों को एक और छूट की पेशकश की है जो इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को अपनाने की योजना बना रहे हैं। केंद्र सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर कहा है कि ईवी-मालिकों को अब रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट फीस (पंजीकरण प्रमाणपत्र शुल्क) का भुगतान करने की जरूरत नहीं है।

Updated Wed, 04 Aug 2021 10:45 AM IST
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सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने मंगलवार को अधिसूचना जारी की। यह सभी बैटरी चालित इलेक्ट्रिक वाहनों को पंजीकरण प्रमाणपत्र जारी करने या रिन्यूअल (नवीनीकरण) के लिए शुल्क के भुगतान से छूट देता है। मंत्रालय ने यह भी कहा है कि बैटरी से चलने वाले वाहनों को नए पंजीकरण चिह्नों के असाइनमेंट के लिए शुल्क के भुगतान से छूट दी गई है। 

पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के साथ-साथ वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने और ज्यादा से ज्यादा लोगों को इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने यह फैसला किया है। 
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मंत्रालय ने 27 मई, 2021 को बैटरी से चलने वाले वाहनों (बीओवी) की छूट का प्रस्ताव करते हुए एक मसौदा अधिसूचना जारी की, जिसमें मसौदा अधिसूचना की तारीख से 30 दिनों के भीतर आम जनता और हितधारकों से टिप्पणियां मांगी गईं। मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि “उक्त राजपत्र अधिसूचना की प्रतियां 31 मई, 2021 को जनता के लिए उपलब्ध कराई गईं; और जबकि, उक्त मसौदा नियमों के संबंध में जनता से कोई आपत्ति और सुझाव नहीं मिले थे।”

सरकार ने कहा कि इन नियमों को केंद्रीय मोटर वाहन (सोलहवां संशोधन) नियम, 2021 कहा जा सकता है और ये आधिकारिक राजपत्र में उनके प्रकाशन की तारीख से लागू होंगे।  
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बता दें कि अक्तूबर 2020 में, दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि दिल्ली सरकार ने अपनी इलेक्ट्रिक वाहन नीति के तहत सभी बीओवी को पंजीकरण शुल्क से छूट दी है।

इस समय, भारत में कुल वाहनों की बिक्री में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी सिर्फ 1.3 फीसदी है। हालांकि, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, कर्नाटक, तेलंगाना जैसे कई अन्य राज्यों ने अपनी ईवी नीतियों को अधिसूचित किया है और इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद को बढ़ावा देने के लिए कई इंसेंटिव की पेशकश की है। 
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केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की पहल की है। जैसे कि सरकार ने घरेलू करों को कम रखकर, FAME II योजना के जरिए इंसेंटिव की पेशकश, और देश में ईवी इकोसिस्टम को विकसित करने के लिए ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने में मदद करने के बावजूद, भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने की रफ्तार काफी धीमी है, यानी उतनी नहीं जितना सरकार चाहती थी। उचित बुनियादी ढांचे जैसी चुनौतियां बनी हुई हैं, जबकि इलेक्ट्रिक कारों की लागत इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की तुलना में ज्यादा है। 
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Last week, US-based electric car maker Tesla sparked a debate over the high import duty imposed for electric vehicles in India. The debate left carmakers in India divided on whether the government should offer discounts in an attempt to keep the cost of such vehicles down and make them more affordable in a big way.

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